संजय शर्मा

एडजंक्ट प्रोफेसर

संजय शर्मा ने पत्रकारिता के पच्चीस से ज्यादा वर्ष पीटीआइ, द टाइम्स ऑफ इंडिया, द ट्रिब्यून, द संडे गार्डियन, द मेनस्ट्रीम और न्यूज इंडिया के साथ काम करते व्यतीत किए हैं। वे न्यूज इंडिया चैनल के प्रधान संपादक, द संडे गार्डियन के स्थानीय संपादक रहे। उन्होंने रिपोर्टिंग भी की है। स्थानीय निकायों से लेकर विधायिका, न्यायपालिका, राजनीति, व्यवसाय और अर्थव्यवस्था के अलावा धर्म-अध्यात्म पर भी लिखा है। पंजाब से उनकी एक रिपोर्ट को 'टाइम' ने प्रकाशित किया।

उन्होंने जलवायु मुद्दों पर फ्रांस में अनौपचारिक वार्ता में भाग लिया और पाकिस्तान, श्रीलंका और मलेशिया से भी रिपोर्टिंग की। वे हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय के अध्ययन बोर्ड के भी सदस्य रहे हैं। अन्यत्र पत्रकारिता में डेटा प्रबंध और चुनाव विवेचन (सेफोलॅजी) से संबंधित पाठ्यक्रम तैयार करने में भी सहयोग किया है। निम्स विश्वविद्यालय में पत्रकारिता का शिक्षण किया। खाद्यनीति विश्लेषक देवेंद्र शर्मा के साथ उन्होंने 'डायलॉग हाईवे ट्रस्ट' स्थापित किया। फ्रांस से संचालित यह न्यास 'डायलॉग ऑन ह्यूमैनिटी' से जुड़ा हुआ है।

उनके संपादन काल में न्यूज इंडिया चैनल के यूट्यूब सदस्यों की संख्या एक वर्ष में दो हजार से दो लाख तक पहुंच गई थी, जो अपने आप में एक कीर्तिमान रहा। संजय इंडो-चाइना फ्रेंडशिप एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य रहे हैं। उन्होंने कई मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों को संबोधित किया है। राजस्थान और पंजाब में मानवाधिकारों पर पीपुल्स कमीशन में जूरी सदस्य भी रहे। वे सार्वजनिक सरोकारों के लिए संघर्ष करते रहे हैं। एक सजग वकील के साथ मिलकर उन्होंने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की और चंडीगढ़ को सेवा शुल्क से मुक्त पहला शहर बनाया।

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