पदाधिकारीयों के नाम व पदनाम | ई-मेल आईडी व फ़ोन नंबर | पद |
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प्रो. निधि सिंह प्रोफेसर अंग्रेजी विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर |
nidhi.s.jpr@gmail.com 94144 46585 |
संयोजक |
डॉ. आलोक कुमार श्रीवास्तव परीक्षा नियंत्रक एवं समन्वयक अकादमिक, एचजेयू जयपुर |
alok304kumar@gmail.com 93146 35032 |
सदस्य |
डॉ. नीलम उपाध्याय उपकुलसचिव, एचजेयू जयपुर |
drneelamupadhaya@gmail.com 90572 87606, 94142 41667 |
सदस्य |
डॉ. ऋचा यादव सहायक प्रोफेसर, एचजेयू जयपुर |
richayadav31@gmail.com 95092 07145 |
सदस्य |
डॉ. अनिल कुमार मिश्र सहायक प्रोफेसर, एचजेयू जयपुर |
anamil.anu@gmail.com 80036 03840 |
सदस्य |
श्री अनंत भटनागर महासचिव, पीयूसीएल राजस्थान, जयपुर |
anant_bhatnagar@yahoo.com 98280 52917 |
सदस्य |
पदाधिकारीयों के नाम व पदनाम | ई-मेल आईडी व फ़ोन नंबर | पद |
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प्रो. आर.एन. जाट प्रो. आर.एन. जाट |
Jat-rn@uniraj.ernet.in |
लोकपाल |
समन्वयक शैक्षणिक एवं प्रशासनिक |
अध्यक्ष | |
प्रो. राजन महान सेवानिवृत प्रोफ़ेसर |
mahanrajan@gmail.com |
सदस्य |
डॉ. अजय सिंह सहायक प्रोफेसर, एचजेयू जयपुर |
AjayKSingh@hju.ac.in 9935914999 |
सदस्य |
डॉ. रतन सिंह शेखावत सहायक प्रोफेसर, एचजेयू जयपुर |
RatanSShekhawat@hju.ac.in 7568285108 |
सदस्य |
श्रीमती गरिमा श्री सहायक प्रोफेसर, एचजेयू जयपुर |
Garimashree@hju.ac.in 9953542467 |
सदस्य |
श्री भंवर लाल मेहरड़ा राजस्थान प्रशासनिक सेवा के सुपर टाइम स्केल के वरिष्ठ अधिकारी हैं। उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से एम.कॉम. एवं एम.फिल. की उपाधियाँ अर्जित कीं। अपने 28 वर्षों के कॅरियर में श्री मेहरड़ा ने विभिन्न प्रशासनिक पदों के साथ जगद्गुरु रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर के कुलसचिव पद पर कुशलतापूर्वक कार्य किया है। उन्हें प्रदेश के विभिन्न ज़िलों में उपखण्ड अधिकारी (एसडीओ) एवं अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) के रूप से प्रशासनिक कार्य संपादन का व्यापक अनुभव है।
पर्यावरण संरक्षण एवं पठन-पाठन में श्री मेहरड़ा की विशेष रुचि है।
डॉ. सत्येन्द्र बसवाल राजस्थान लेखा सेवा के वरिष्ठ अधिकारी हैं। उन्होंने वेटरनरी कॉलेज बीकानेर से स्नातक की उपाधि प्राप्त की है।
पूर्व में वे पशुचिकत्सा अधिकारी एवं विकास अधिकारी के पद पर कार्य कर चुके हैं। लेखा सेवा के वर्तमान पदभार से पूर्व वे कोष-कार्यालय, धरोहर संरक्षण प्राधिकरण एवं पशुपालन विभाग में कार्य कर चुके हैं।
पठन- पाठन एवं खेलों में उनकी विशेष रूचि है।
डॉ. आलोक कुमार श्रीवास्तव मूलतः राजनीतिशास्त्र के प्रोफेसर हैं, जो राजनीति को उसके सांस्कृतिक भूगोल, इतिहास और सामाजिक हालात के दायरे में समझने की कोशिश करते हैं। उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में बीए ऑनर्स और फिर राजनीतिशास्त्र में एमए किया। सेकुलरवाद के अध्ययनों पर उन्हें इसी विश्वविद्यालय से एमफिल एवं पीएच-डी की उपाधियाँ मिलीं। गांधी-दृष्टि, भारतीय आधुनिकता, जेंडर मुद्दों आदि पर डॉ. श्रीवास्तव के कई आलेख प्रतिष्ठित पत्रिकाओं और पुस्तकों में प्रकाशित हुए हैं।
राजनीति की शास्त्रीय समझ को आम लोगों तक साझा करने के लिए वे साहित्य और संस्कृति के माध्यमों का प्रयोग करते आए हैं। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर युवा संसद सत्रों का पटकथा-लेखन और संचालन किया है। फिल्म एप्रिसिएशन पर भी विद्यार्थियों को वे संबोधित करते रहे हैं। उनके लेखन और अध्यापन में साहित्य, सिनेमा और राजनीति की त्रिवेणी एकमेक होकर रचनात्मकता का अभ्यास बन जाती है।
डॉ. रतन सिंह शेखावत मीडिया अकादमिक क्षेत्र में पिछले एक दशक से कार्यरत हैं और पत्रकारिता और जनसंपर्क पढ़ाते हैं। उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से अपनी पीएचडी की डिग्री जनसंपर्क और डिजिटल मीडिया विषय में प्राप्त की है। डॉ. शेखावत गुरु जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, हिसार, हरियाणा से जनसंचार में स्नातकोत्तर हैं। वह भारतीय जनसंचार संस्थान (आइआइएमसी), नई दिल्ली से पत्रकारिता में प्रशिक्षित हैं।
डॉ. नीलम उपाध्याय राजनीति विज्ञान विषय की प्रोफेसर तथा अनुभवी अकादमिक प्रशासक हैं। शैक्षणिक संस्थानों के दिन-प्रतिदिन के प्रबंधन, समन्वय और संगठन पर इनकी गहरी पकड़ है। डॉ. उपाध्याय ने एमए, एमफिल और पीएच-डी की उपाधियाँ राजस्थान विश्वविद्यालय से प्राप्त कीं। उन्हें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्च अवॉर्ड के लिए चयनित किया गया, जिसके अंतर्गत उन्होंने "राजस्थान में शिक्षा एवं महिला सशक्तीकरण" विषय पर कार्य किया।
डॉ. उपाध्याय की विभिन्न विषयों पर अब तक दस से अधिक पुस्तकें और प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में अनेक शोध-पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठियों में पत्रवाचन भी किया हैं। उन्होंने भाषा विभाग, सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान, राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल आदि में भी अपनी सेवाएं दी हैं।
बागवानी में उनकी विशेष रुचि है।