मुख्य पटल विश्‍वविद्यालय: एक परिचय

विश्‍वविद्यालय: एक परिचय

मीडिया और जनसंचार के लगातार बढ़ते हुए आकार, विविधता और अर्थ-बहुलता के दौर में राजस्थान सरकार द्वारा हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्‍वविद्यालय (एचजेयू) की स्थापना को एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण क़दम के रूप में याद रखा जाएगा। वस्‍तुस्थिति यह है कि हमारे शैक्षिक संस्‍थानों में मीडिया के क्षेत्र में उभरे नये अभिरूपों और नवाचारों के अध्‍ययन-अध्‍यापन की कोई विधिवत व्‍यवस्‍था मौजूद नहीं है। राजस्थान विधानमंडल के अधिनियम संख्या 11, वर्ष 2019 के अंतर्गत गठित यह विश्‍वविद्यालय मीडिया-अध्‍ययन के क्षेत्र में इसी अभाव की पूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है।

स्‍वतंत्रता-सेनानी, पत्रकार और राजस्‍थान के लोकप्रिय राजनीतिज्ञ श्री हरिदेव जोशी (1921-1995) की स्‍मृति को समर्पित यह संस्‍थान सार्वजनिक जीवन और राष्‍ट्र-निर्माण की समावेशी भावना की समृद्ध विरासत का प्रतिनिधित्‍व करता है। श्री जोशी ने राज्‍य के आदिवासी क्षेत्रों में कई वर्ष तक पत्रकारिता के ज़रिये मीडिया-जगत को अपना सक्रिय योगदान दिया था। बाद में वे न केवल राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री बने, बल्कि असम, मेघालय और पश्चिम बंगाल के राज्‍यपाल पद पर भी आसीन रहे।

विश्‍वविद्यालय ज्ञान और कौशल के वैश्विक मानकों के अनुरूप मीडिया-अध्‍ययन के लिए ऐसा परिवेश प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है, जहाँ विद्यार्थी मीडिया और अकादमिक क्षेत्र की उच्‍चतम अपेक्षाओं का निर्वाह सीख सकें। मीडिया के नवाचारों और पत्रकारिता एवं जनसंचार क्षेत्रों में सैद्धांतिक ज्ञान, प्रौद्योगिकीय कौशल और व्‍यावहारिक प्रशिक्षण के संतुलित अनुपात पर आधारित हमारी पाठ्ययोजना अंतर-अनुशासनिक दृष्टिकोण पर ज़ोर देती है। विश्‍वविद्यालय विद्यार्थियों से भारतीय समाज की सम्यक् समझ को साझा करते हुए सार्वजनिक जीवन में नैतिक आदर्श और सदाचार के मूल्यों को भी रेखांकित करना चाहता है। इन मूल्यों के बग़ैर कोई मीडिया भारत की विशाल लोकतांत्रिक व्‍यवस्‍था में अपनी भूमिका का निर्वाह नहीं कर सकता।

हम शिक्षण को कक्षाओं के घेरे से बाहर ले जाते हुए भाषा, क़ानून, संविधान व नागरिक अधिकार, प्रौद्योगिकी व समाज, विज्ञान, जलवायु-परिवर्तन, लैंगिक संवेदनशीलता और फ़ेक न्‍यूज जैसे विषयों के इर्दगिर्द सेमिनार, व्‍याख्‍यान, परिसंवाद, कार्यशालाएँ और अंतर-क्रियात्‍मक सत्र आयोजित करना चाहते हैं। चाहते हैं कि मीडिया और जनसंचार के क्षेत्र में सुयोग्य नई पीढ़ी सामने आए, जो राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर संवेदनशील हो। भविष्य का मीडिया ऐसे ही सजग हाथों में सुरक्षित होगा।

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हरिदेव जोशी: स्वाधीनता सेनानी,
पत्रकार एवं लोकसेवक
(17 दिसम्बर 1921 - 28 मार्च 1995)